नई दिल्ली/मुंबई: हाल ही में संसद में पारित वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर शिवसेना (ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस बिल को ‘जमीन हड़पने की योजना’ बताते हुए कहा कि इससे मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों का अधिग्रहण किया जा रहा है, और आगे चलकर ईसाई, बौद्ध और जैन समुदायों की संपत्तियों पर भी खतरा मंडरा सकता है।
“वक्फ बिल सिर्फ शुरुआत है…”
राउत ने दावा किया कि, “यह विधेयक उद्योगपतियों के फायदे के लिए लाया गया है ताकि धार्मिक स्थलों की जमीन पर टावर बनाए जा सकें। यह सिर्फ एक शुरुआत है – कल को बोधगया, चैत्यभूमि और मंदिरों की जमीनें भी सरकार के निशाने पर होंगी।” उन्होंने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की जमीनों का निजीकरण है।
मोदी सरकार पर ‘देश बेचने’ का आरोप
राउत ने आगे कहा कि मोदी और अमित शाह देश को पूंजीपतियों को बेच रहे हैं, और चार बड़े उद्योगपति ही इस देश को चला रहे हैं। उन्होंने मौजूदा सरकार पर नीतियों में उद्योगपतियों के हित में बदलाव करने का भी आरोप लगाया। “यह सिर्फ वक्फ बोर्ड तक सीमित नहीं है – श्रम कानून, जमीन कानून सब बदले जा रहे हैं।”
राज ठाकरे और मराठी भाषा विवाद पर टिप्पणी
संजय राउत ने राज ठाकरे द्वारा मराठी भाषा के प्रचार को लेकर चलाए गए अभियान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “आप भी जानते हैं, हम भी जानते हैं कि इसमें क्या चल रहा है,” इस कथन के जरिए उन्होंने राज ठाकरे के अभियान को राजनीतिक ड्रामा बताया।
अमेरिका में ट्रंप विरोध पर टिप्पणी
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की सराहना करते हुए राउत ने कहा कि, “जिस तरह अमेरिका में लोग सड़कों पर उतरकर लोकतंत्र की रक्षा कर रहे हैं, वैसा ही भारत में भी होगा। अमेरिका में ट्रंप और मस्क (अडानी की तुलना में) के खिलाफ लोगों ने आवाज उठाई है – भारत में भी समय आने पर जनता सड़कों पर उतरेगी।”